बिन फेरे हम तेरे
बिन फेरे हम तेरे
कोई बँधन जिसे ना रोक सके
कोई दुनिया जिसे ना टोक सके
मेरा तेरा रिस्ता ये जन्मों का
दिल मे रहेंगे जो मेरे
बिन फेरे हम तेरे
आंधियाँ चली बड़ी तेज है
काँटों से भरी ये सेज है
फिर भी चली मैं खुश हो कर
दीप बुझे ना मन का मेरे
बिन फेरे हम
धरती हो ना आकाश हो
या जन्म जन्म की प्यास हो
बिछड़ना अब है मुश्किल
आस टूटे ना कभी अब मन का मेरे
बिन फेरे हम तेरे।

