“ बिछुड़ने का ग़म ”
“ बिछुड़ने का ग़म ”
दूर ना जाना
पास ही रहना,
तुमसे बिछुड़ के
मर जाएंगे !
रूह भटकेगी
याद में हरदम,
दर्द कभी नहीं
सह पाएंगे !!
तेरे प्यार का हमको
सहारा मिला है
गर्दिश में तारे
चमकने लगे !
दुख -सुख में जीने की
चाहत जागी है
खुशबू से बगिया
महकने लगे !!
आंखों से तुम
ओझल न होना
हम तो तड़पते
ही रह जाएंगे !
रूह भटकेगी
याद में हरदम,
दर्द कभी नहीं
सह पाएंगे !!
बहुत मन्नतों से
तुम मुझको मिली हो
तेरे बिन अधूरी
मेरी जिंदगी है !
तुझे सिर्फ अपने
दिल में बसाकर
रख लूँ तुझे
तुम मेरी बंदगी है !!
सह ना सकेंगे
यूँ तेरी जुदाई
जीते जी हम
रह ना पाएंगे !
रूह भटकेगी
याद में हरदम,
दर्द कभी नहीं
सह पाएंगे !!
दूर ना जाना
पास ही रहना,
तुमसे बिछुड़ के
मर जाएंगे !
रूह भटकेगी
याद में हरदम,
दर्द कभी नहीं
सह पाएंगे !!

