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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Romance

“ बिछुड़ने का ग़म ”

“ बिछुड़ने का ग़म ”

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दूर ना जाना

पास ही रहना,

तुमसे बिछुड़ के

मर जाएंगे !

रूह भटकेगी

याद में हरदम,

दर्द कभी नहीं 

सह पाएंगे !!


तेरे प्यार का हमको

सहारा मिला है

गर्दिश में तारे

चमकने लगे !

दुख -सुख में जीने की

चाहत जागी है

खुशबू से बगिया

महकने लगे !!


आंखों से तुम

ओझल न होना

हम तो तड़पते

ही रह जाएंगे !

रूह भटकेगी

याद में हरदम,

दर्द कभी नहीं 

सह पाएंगे !!


बहुत मन्नतों से

तुम मुझको मिली हो

तेरे बिन अधूरी 

मेरी जिंदगी है !

तुझे सिर्फ अपने

दिल में बसाकर

रख लूँ तुझे

तुम मेरी बंदगी है !!


सह ना सकेंगे

यूँ तेरी जुदाई

जीते जी हम

रह ना पाएंगे !

रूह भटकेगी

याद में हरदम,

दर्द कभी नहीं 

सह पाएंगे !!


दूर ना जाना

पास ही रहना,

तुमसे बिछुड़ के

मर जाएंगे !

रूह भटकेगी

याद में हरदम,

दर्द कभी नहीं 

सह पाएंगे !!


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