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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Inspirational

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Inspirational

“मुसाफिर”

“मुसाफिर”

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अँधेरों से नहीं रुकते ,

जिन्हें मंज़िल को पाना है !

कोई भी साथ ना दे तो ,

अकेले चलते जाना है !!


कठिन हो रास्ता अपना,

लक्ष्यों को भेदना आता !

लगे जो पाँव में ठोकर ,

हमें इसे झेलना आता !!


नहीं मुझे रोक पाएगा ,

ना आँधी से मैं डरता हूँ !

तपीस से हमको क्या लेना,

उसे मैं रोज सहता  हूँ !!


सफर में लोग मिलते हैं,

कारवाँ बन निकलता है !

अकेला रहते हैं कुछ पल,

कोई फिर साथ देता है !!

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डॉ लक्ष्मण झा परिमल

23.12.2025  


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