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Dr.Purnima Rai

Action Inspirational Children

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Dr.Purnima Rai

Action Inspirational Children

भूमि का शृंगार तरु है

भूमि का शृंगार तरु है

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भूमि का शृंगार तरु है

बरसों से एक निगाह

थोड़ी सी लापरवाह!

ढूँढ रही थी हमेशा

शीतल छाँव का गवाह।


कड़ी धूप का था साया

चाहे वे तरुवर छाया !

चलते ही पगडंडी पर

स्मरण उसे था यह आया।


ओ नन्हें ! मेरी बात ले मान

ना कर कभी तू इतना गुमान !

सूखे पेड़ को दे जा पानी

वर्ना नहीं बचे जिंदगानी।


आज वह बूढ़ा हो गया था

यौवन नशे में खो गया था !

प्रकृति से मुँह फेरके वह तो

कंकर राह में बो गया था।


सुप्त चेतना ने उसे जगाया

बूढ़े ने फिर जग को बताया !

पेड़ धरा की असली धरोहर

तरुवर ने ही विश्व सजाया।


पौधों को हम पानी दें

बचपन और जवानी दें।

भूमि का शृंगार तरु है

मिलकर नयी रवानी दें।


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