सूर्य का स्वागत
सूर्य का स्वागत
आओ करें हम सूर्य का स्वागत,
पूरब में लालिमा बिखराये,
नारंगी - सा रूप बनाये,
नूतन प्रकृति के रंग में रंगा हो रहा उसका नवागत,
आओ करे हम सूर्य का स्वागत।
अरूणाचल का वह दीप्त तारा,
चमकता रहता सुबह से दिन सारा,
दुनिया को फिर से जगाने
राह फिर से दिखलाने
जिस उद्देश्य के खातिर जन्म हुआ उसका
हमें एहसास कराने रोज पूरब में होता नवागत,
आओ करें हम सूर्य का स्वागत।
चाहे आँधी- तूफान आये या रहे बादलों के घेरे में,
फिर वह अपने कर्तव्य- पथ पर नित रहता नवागत,
आओ करें हम सूर्य का स्वागत।
पक्षियों का कलरव सुनाने,
कल कल- छलछल बहती नदियों का मधुर संगीत सुनाने
कृषकों को हल- बैल लेकर खेत बुलाने,
होता इनका हर दिन नवागत,
आओ करें हम सूर्य का स्वागत।