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Brijlala Rohanअन्वेषी

Action Inspirational

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Brijlala Rohanअन्वेषी

Action Inspirational

मेरे एक हाथ में कलम दूसरी में कलाई है

मेरे एक हाथ में कलम दूसरी में कलाई है

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मेरे एक हाथ में कलम दूसरे में कलाई है,

दोनों को मैंने जिंदगी का अहम हिस्सा बनाया है।

एक के द्वारा अपनी दिल की बात पहुँचाना,

दूसरे के साथ अंतिम साँस तक जीने की कसम हमने खाई है।

मेरे एक हाथ में कलम दूसरे में कलाई है।


दोनों के साथ से साथ मिलकर

कुछ अच्छा कर गुजरने की संकल्प हमने की है साथ में ,

एक से अपनी अल्फाज़ बनाकर

दूसरे हाथ की कलाई को आवाज़ पहनाकर,

लोगों के अपने हक के लिए लड़ना हमें लड़ाई है।

मेरे एक हाथ में कलम दूसरे में कलाई है।


गर क्रांति गीत लिखते - लिखते थक जाये हाथ, 

तो दूसरे हाथ में थामे हुए उस कलाई पे टिकाकर अपनी हाथ, 

मैंने सुकून की साँस पाई है।

लगा ऐसे मानो की जन्नत में जगह पाई है।

मेरे एक हाथ में कलम दूसरे में कलाई है।


आँधियों के जद में भी मैंने एक उम्मीद की आशियां बसाई है ,

आसमां को ही उम्मीद की छत बनाकर

उसके बाँहों में ही जिंदगी जीने की चाहत बनाई है।

मेरे एक हाथ में कलम दूसरे में कलाई है। 

साथ मिलकर अंतिम साँस तक करनी हमें

उन असहाय, लाचार, शोषित जन की करनी हमें भलाई है।

मेरे एक हाथ में कलम दूसरे में कलाई है।



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