केसरिया बाना
केसरिया बाना
तिरंगा लहराया
जब जब अपना तिरंगा बड़े शान से लहराता है
अपने देश की गौरव गाथा पर मान हो आता है!
आजादी के बाद हमें यही डर बार बार सताता है
देश पर आँच ना आए अब ये दिल हौल खाता है!
बहनों ने भाई खोया तो तो माँ ने गोद लुटाई है
बेटी ने खोया पिता को, देश का वीर सिपाही है!
चूड़ी, काजल, कंगन ,बिंदी, मेहंदी, सिंदूर मिटाई है
पत्नी ने खोया वीर पति को विधवा कहलाई है!
मातृभूमि के हवनकुंड में जीवन अर्पण कर डाला
शोणित से सींचा धरती को लाल रंग में रंग डाला!
नहीं मिली ऐसे आजादी यूँ अनमोल रत्न खोये हैं
मातृभूमि की सुरक्षा में कई नरमुंड धरा पर बोये हैं!
है स्वतंत्र गणतंत्र हमारा वीरों के लिदानों से
भगत राजगुरु सुखदेव शेखर जैसे दीवानों से,
सुभाष गाँधी तिलक व अश्फाकखान मस्ताना था
देश के महान वीरों ने पहना केसरिया बाना था!