एक श्रद्धांजलि मां को
एक श्रद्धांजलि मां को
आज मन बहुत उदास है।
आप से बिछड़े बीसवां साल है।
लगता है जैसे कल की ही तो बात है।
जब आपने फोन करा मैं उठा ना पाई।
कल करने का सोच सो गई।
क्या पता था वह कल कभी ना आएगी।
जाते-जाते भी एक सीख आप दे जाएंगी।
आज का काम कल पर मतछोड़ो नहीं तो कभी-कभी देर हो जाएगी।
और वह कल कभी ना आ पाएगा।
जिंदगी भर का तुमको अफसोस दे जाएगा।
जिंदगी में आप सा कोई ना मिला है
ना मिलेगा क्योंकि मां तो मां होती है।
आंचल उसका विशाल होता है।
हर तरह से शिक्षण देने वाली जिंदगी के
उतार-चढ़ाव को संभल समझाने वाली
निस्वार्थ पक्का प्यार देने वाली।
धर्म और कर्म का पूर्ण समन्वय रखने वाली।
ऐसी गुणों की खान वाली मेरी मां को मेरा शत शत नमन।
करी हमेशा आपके मोक्ष की कामना,आज वही फिर दोहराते हैं।
आपके चरणों में शत शत नमन कर जाते हैं।
अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर जाते हैं।
मां आप को शत-शत नमन कर जाते हैं।