वीर सावरकर
वीर सावरकर
याद करूँ मैं, वीर सावरकर
हिन्दुत्व शब्द था जिसनें गढ़ा
बीड़ा उठाया हिन्दू राष्ट्र का
स्वांतन्त्र्वीर, जिसे इतिहास कहा।
कवि, लेखक जो नाटककार था
काले-पानी की काटी सजा
क्रांति की ज्वाला दिल में धधकती
अभिनव भारत की आत्मा बसा।
यातनाएं सहता कारागार में
जाने कितना रक्त बहा
शब्दों में वर्णन कर सकूँ न
बलिदान स्वांतन्त्र्वीर का ऐसा था।