"भोला सा चेहरा"
"भोला सा चेहरा"
तितली सा पर तोल गया,
भोला सा चेहरा,
कितने सपने घोल गया,
भोला सा चेहरा।
बिन कहे, कुछ ,
जागी-सोयी आंखों से,
कितनी बातें बोल गया,
भोला सा चेहरा।
लाख छिपाओ ,
भेद जिया के, खोल गया ,
भोला सा चेहरा ।
मुश्किल से जब भी आंख लगी,
बस आंखों में डोल गया ,
भोला सा चेहरा ।
कौना-कौना जगमग ,
है ,दीवाली सा,
मन को कहीं टटोल गया,
भोला सा चेहरा ......।
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