भारत मेरा आज़ाद है
भारत मेरा आज़ाद है


क्या भारत मेरा आज़ाद है ?
क्या सच में ये आबाद है ?
गुलामी अब, नहीं है शायद
क्या सच में जिंदा बाद है
क्या भारत मेरा आज़ाद है
तो मनुबाद और धर्म का हम पे
क्यों रातो दिन पहरा है
किसे दिखाऊँ जख्म जो
अब भी शायद गहरा है
माता, बहनों को अब भी क्यों
अँधियारों में डर लगता है
क्यों गरीबों के हाथों का
छीन रहा निवाला है ?
सच्चाई के मुँह पे अब भी
क्यों लगा देखो ताला है ?
क्या गाँधी, सुभाष, भगत सिंह ने
ऐसी आज़ादी मांगी थी ?
क्या, रजिया बेगम, झांसी की रानी ने
ऐसी संकल्प ठानी थी ?
क्यों नेता यहाँ जाती धर्म पे
लोगों को पाबंद किया ?
क्यों खान पान और वेशभुषा पे
लोगों को तंग किया ?
समझ में नहीं आता
हमको ये कैसी आज़ादी है
#FREE INDIA अब तो हम को लेना है।