भारत को विश्व गुरु का मान दो
भारत को विश्व गुरु का मान दो
उठो राष्ट्र के नव प्रहरी ,
सर्व शिक्षा को मान दो।
तुम राष्ट्र के भाग्य विधाता,
नव भारत निर्माण करो।
उठो राष्ट्र के हे हलधर
हल साथ कलम तुम थाम लो।
ठेल तिमिर अशिक्षा का,
शिक्षा नवदीप प्रदान करो।
संग आओ श्रमिक बंधु
साथ फावड़ा किताब हाथ लो।
काट पत्थर रुकावटों के,
राष्ट्र को सुपथ प्रदान करो।
सुनो देश के लघु बुनकर
संग लूम पुस्तक को बनाओ किस्मत
मेहनत के धागों को बुनकर,
राष्ट्र को दो सफलता का वस्त्र।
सुनो राष्ट्र के अदम्य कर्मठ
शिक्षा को नया आयाम दो।
नैतिकता का पथ अपनाकर,
शिक्षा नीति को प्रसार दो।
सुनो राष्ट्र के नव योद्धा
संग कटार कूची तुम थाम लो।
काट अशिक्षा अकाट्य तमस
धधकती जीत का प्रमाण बनो।
आगे आओ देश के नवांकुरों
अंतर्मन की पुकार सुनो।
शिक्षा की जन चेतना फैला
अपनी काबिलीयत पर ध्यान दो।
सुनो राष्ट्र के जुझारू युवा
सर्व शिक्षा का प्रयास करो
गर ठोकर खाकर गिर जाओ,
फिर उठ उम्मीद का दामन थाम लो।
सुनो राष्ट्र के नेतागण
निहित अंतर्कलह त्याग दो।
शिक्षाभियान सफलता हेतु
पूर्ण शक्ति से कार्य करो।
सुनो राष्ट्र के बाल श्रमिकों
श्रम छोड़ पुस्तक थाम लो
तुम राष्ट्र के सौम्य स्वप्न
दृढ़ राष्ट्र निर्माण करो।
सुनो राष्ट्र के पूज्य शिक्षकों
कर्तव्य पथ का भान करो।
फैला अपना ज्ञान प्रकाश
भारत को विश्व गुरु का मान दो।