बेमेल रिश्ता
बेमेल रिश्ता
वो मेरा होकर भी कभी मेरा न रहा
मैं उसकी न होकर भी सदा उसी की रही
बहुत बेमेल-सा रिश्ता रहा हमारा...
चाहत थी तो दोनों की
पर कभी एक-सी न रही
मैं उसकी थी सो
उसके हर सुख में खुश हुई
और हर दुख में उससे ज्यादा आंसू बहाया
वो न कभी मेरी खुशी में शामिल रहा
और न दुख में संग निभाया
बहुत ही बेमेल-सा रिश्ता रहा हमारा..