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AMAN SINHA

Drama Tragedy Fantasy

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AMAN SINHA

Drama Tragedy Fantasy

बेकरारी

बेकरारी

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चले थे हम मंज़िल की तलाश में

पर जाना कहाँ है पता ही नहीं था 

वैसे तो कई वजह है रूक जाने की

मगर क्यों चले रहे है पता ही नहीं था 


क्यों चले जा रहे है हम ?

हासिल हमें करना है क्या ?

क्या राज़ छुपाया है जिंदगी ने

जान कर भी करना है क्या ?


न तबीयत साथ देती है

ना ही फितरत है हमारी

अगर जान भी जाए बाते कल की

कोशिश जवाब दे जाए हमारी


जब तक हम अंजान है

हम सब-के-सब इंसान है

अपने होने का पता चला तो

सब बन जाते शैतान है


भरोसा किसी का करें भी तो कैसे

तक़दीर हर पल बदलती है यहाँ

इन्सानों की तो बात ही छोड़ो

तस्वीरें रंग बदलती है यहाँ


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