बचपन
बचपन
अनजान लोगों के बीच में वह
अपनी जिंदगी के सपने संजोता है।
अपनों के बीच की हंसता है
अपनों के बीच में रोता है
सिर्फ पाना ही पाना होता है
बचपन में वह कुछ नहीं खोता होता है।
अनजान लोगों के बीच में
वह अपने सपने संजोता है
प्यार दुलार मिलता सब उसे हैं
सबका प्यारा व चहेता होता है।
अनजान लोगों पर बीच में
अपने जीवन के सपने संजोता है
वही हंसता कोई रोता है।
