STORYMIRROR

Krishna singh Rajput sanawad

Drama

4  

Krishna singh Rajput sanawad

Drama

बचपन

बचपन

1 min
319

अनजान लोगों के बीच में वह

अपनी जिंदगी के सपने संजोता है।


अपनों के बीच की हंसता है

अपनों के बीच में रोता है

सिर्फ पाना ही पाना होता है

बचपन में वह कुछ नहीं खोता होता है।


अनजान लोगों के बीच में

वह अपने सपने संजोता है

प्यार दुलार मिलता सब उसे हैं

सबका प्यारा व चहेता होता है।


‌ अनजान लोगों पर बीच में

अपने जीवन के सपने संजोता है

वही हंसता कोई रोता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama