STORYMIRROR

priyanka tomar

Children

2  

priyanka tomar

Children

बचपन की वो पेंसिल

बचपन की वो पेंसिल

1 min
189

बचपन की वो पेंसिल बहुत प्यारी थी, 

रबड़ से तो पूरी क्लास की यारी थी, 

पेंसिल और रबड़ का कुछ पल का यारना था,

पेंसिल को पेन से हारना था, 

पेंसिल ने लिखकर मिटाना सिखाया था,

पेन ने ताे लिखकर काटना सिखाया था,

जबतक बचपन की वो पेंसिल हमारी थी, 

तबतक गलतियाँ मिटाई बहुत सारी थी,

पेन तो सोच समझ कर लिखना सिखाया था,

पेन ने अधिकारों के लिए लड़ना बताया था,

पेन ने ही तो हमें बचपन से बड़ा बनाया था,

                


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Children