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Sonam Kewat

Fantasy Children

3  

Sonam Kewat

Fantasy Children

बचपन का जमाना

बचपन का जमाना

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चली जाती है जवानी 

फिर बुढ़ापा आता है 

उम्र कोई भी हो यह 

बचपन याद बहुत आता है 


बचपन वो यादें हैं जो 

चेहरे पर मुस्कुराहट लाती हैं 

क्या तुम्हें भी मेरी तरह

बचपन की याद आती है 


किस तरह बिजली के जाते ही

भूत बनकर सब को डराना और 

कभी मोमबत्ती के उजाले में 

दीवार पर चिड़ियों को उड़ाना


आस पास की खबर नहीं बस 

आपस में मगन हो जाना 


कैसे भूल जाए कपड़े के टेन्ट 

बनाकर अपना घर समझते थे 

भाई-बहन को पड़ोसी बनाकर 

बिन पैसों के खुशियां खरीदते से 


आंख पर पट्टी बांधने का खेल 

तो कभी लुका छुपी का खेल 

कभी एक पल का झगड़ा कर 

कुछ पल में ही भूल जाना 

क्या तुम्हें भी याद है 

बीते बचपन का वो जमाना


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