एक छोटा- सा दिया जलता रहा । सिलसिला भी ज़ुल्म का चलता रहा। एक छोटा- सा दिया जलता रहा । सिलसिला भी ज़ुल्म का चलता रहा।
क्या तुम्हें भी मेरी तरह बचपन की याद आती है क्या तुम्हें भी मेरी तरह बचपन की याद आती है
हाँ मैं ख़ुश हो जाता हूँ औरों की ख़ुशी में या कभी कभी यूँ ही बिना बात के क्योंकि ढूँढ लिया है मै... हाँ मैं ख़ुश हो जाता हूँ औरों की ख़ुशी में या कभी कभी यूँ ही बिना बात के क्य...