सुहानी हवाओं के साथ रास्ते आसां हो जायेंगे सुहानी हवाओं के साथ रास्ते आसां हो जायेंगे
ख्वाब थे सुहाने, मस्ती के हुआ, करते थे अफ़साने। ख्वाब थे सुहाने, मस्ती के हुआ, करते थे अफ़साने।
कक्षा में हम जा पहुँचे आ गये रामलाल जी सर हिन्दी क्या बयां करे जब वो खुद है साहित्यसागर कक्षा में हम जा पहुँचे आ गये रामलाल जी सर हिन्दी क्या बयां करे जब वो खुद है साहि...
अब भी मिलती है प्यारी दोस्त वो उसकी हँसी और निखरती जाती है। अब भी मिलती है प्यारी दोस्त वो उसकी हँसी और निखरती जाती है।
जिसे अवकाश ना जन्म से पहले ना मृत्यु के बाद मिला होगा। जिसे अवकाश ना जन्म से पहले ना मृत्यु के बाद मिला होगा।
हिलती हैं सारी कुर्सी वहां, मुश्किल होता है पढ़ पाना I हिलती हैं सारी कुर्सी वहां, मुश्किल होता है पढ़ पाना I