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Shubhi Saxena

Abstract

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Shubhi Saxena

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विद्यार्थी

विद्यार्थी

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संसार के सबसे मूर्ख विद्यार्थी

तुम्हें प्रेम की कक्षा में मिलेंगे,


जिसकी गुरु होगी प्रकृति,

नदियां झरने हवाएं बारिशें


जिसका सबसे उद्दंड बालक

उनका ईश्वर ही होगा,


जिसे अवकाश ना जन्म से पहले

ना मृत्यु के बाद मिला होगा।


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