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PRATAP CHAUHAN

Horror Action Thriller

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PRATAP CHAUHAN

Horror Action Thriller

कुर्सी की दौड़

कुर्सी की दौड़

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आज अकेला बनके बहादुर,

 कल्ला गया क्लास में I

 चीख पड़ा क्या देख लिया,

 जो भागा बदहवास में I


 आकर बोला मास्टर जी से,

 गलती हो गई होड़ में I

 सांसें हैं सबकी अटक जाएंगी,

 चलती कुर्सी की दौड़ में I


 सारे बच्चे बोल रहे हैं,

 कक्षा में कोई मत जाना I

 हिलती हैं सारी कुर्सी वहां,

 मुश्किल होता है पढ़ पाना I


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