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Shailaja Bhattad

Romance

4.5  

Shailaja Bhattad

Romance

बादलों की साड़ी बना

बादलों की साड़ी बना

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बादलों की साड़ी बना,

सितारों से झिलमिल सजा।

चाँद की बिंदी लगा,

तेरी अनकही बातों में समा।


सुरों के सरगम सजा,

आँचल में भर के अपनों की दुआ,

नए जीवन में उतरने चली।


कर यकीं तुझ पर

जीवन की डोर बढ़ाने लगी।

बन साया तेरा

अपना ख्वाब सजाने लगी।


सितारों के जहाँ में

अपनी दुनिया बसाने चली।

शामों सहर नज़र में

नज़र रहने लगी।


शिद्दत से चाहा है तुम्हें

हर दुआ में आरज़ू कबूल होने लगी।

यास्मिन सी आई हूँ

जीवन में तुम्हारे।


नादान सी नज़र में तुम्हारे

हर ख्वाब अब जिंदगी सजाने लगा।

तुम्हें जीने की वजह बनाने लगा।।


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