Ritu Agrawal
Tragedy
पानी सकल
डूबते नर-नारी
दूर साहिल।
विषम स्थिति
बहते जानवर
डूबी गृहस्थी।
रोता आकाश
उजड़ती दुनिया
बुझा प्रकाश।
यशोदा का नंदल...
नमक
मेरा चाइनीज़...
जब प्यार होता...
आज की नारी
तेरा मेरा प्य...
किसका हक ?
दीवारों सी और...
स्त्री के आँस...
मेरे घर की तु...
हमे जहान में अपने ही देते हैं,जख़्म गैरों के जहान में भले होते हैं,बुरे कर्म। हमे जहान में अपने ही देते हैं,जख़्म गैरों के जहान में भले होते हैं,बुरे कर्म।
उन सबके बीच बदलाव की कोशिश करने वाला इंसान फिर किधर जाएगा ? उन सबके बीच बदलाव की कोशिश करने वाला इंसान फिर किधर जाएगा ?
एक दिन मैं भी खो जाऊँगा इस धरती को छोड़ के। एक दिन मैं भी खो जाऊँगा इस धरती को छोड़ के।
बहार तू लौट आ कि पतझड़ के थपेड़ों की मार अब सही जाती नहीं। बहार तू लौट आ कि पतझड़ के थपेड़ों की मार अब सही जाती नहीं।
बदल गई जिंदगी बदल गए नज़ारे, हाय ये कैसे दिन अब आ गए हमारे। बदल गई जिंदगी बदल गए नज़ारे, हाय ये कैसे दिन अब आ गए हमारे।
वापास बुलाना चाहती हूं मैं तुम्हें वापास बुलाना चाहती हूं मैं तुम्हें। वापास बुलाना चाहती हूं मैं तुम्हें वापास बुलाना चाहती हूं मैं तुम्हें।
सूख कर ज़मीं बंज़र जाकर बरसो इस सावन धरती की गोद में लौटा दो फिर हरियाली। सूख कर ज़मीं बंज़र जाकर बरसो इस सावन धरती की गोद में लौटा दो फिर हरिया...
देख ले ओ-दिलबर ! मैं बिन तेरे, जिंदा लाश बनकर रह गया। देख ले ओ-दिलबर ! मैं बिन तेरे, जिंदा लाश बनकर रह गया।
सिसकियों में हम अपने ग़म पीते हैं मन मारकर जीते हैं। सिसकियों में हम अपने ग़म पीते हैं मन मारकर जीते हैं।
पाप, अन्याय, अधर्म और निर्दयता ने, अपना पैर पसराया है। पाप, अन्याय, अधर्म और निर्दयता ने, अपना पैर पसराया है।
कि तुम बहार को निहार कर कोई गीत गा रहे हो। कि तुम बहार को निहार कर कोई गीत गा रहे हो।
ज़िन्दगी कहां रुकती है. चलती ही रहती है। ज़िन्दगी कहां रुकती है. चलती ही रहती है।
हां अब तेरी यादों में धीरे धीरे मरने लगा हूं। हां अब तेरी यादों में धीरे धीरे मरने लगा हूं।
हंसी मुखड़ा बैठा है जो सामने नजरें देखने को बहकती रही हंसी मुखड़ा बैठा है जो सामने नजरें देखने को बहकती रही
पर दुःख कहानी नहीं जो खत्म हो जाए पर दुःख कहानी नहीं जो खत्म हो जाए
मिटा सकता अगर मैं कुछ 'मुहब्बत' का सिला होता ! मिटा सकता अगर मैं कुछ 'मुहब्बत' का सिला होता !
हम नहीं रहेंगे तो यह मंजर फिर कौन तुझे दिखलायेगा। हम नहीं रहेंगे तो यह मंजर फिर कौन तुझे दिखलायेगा।
हक जो तेरा था तू आजमाता ही रहा कभी मुझे हँसाता और रुलाता ही रहा। हक जो तेरा था तू आजमाता ही रहा कभी मुझे हँसाता और रुलाता ही रहा।
ऐसे क्या कोई चुकाता हैं गंगा को हँसते देखा था। ऐसे क्या कोई चुकाता हैं गंगा को हँसते देखा था।
ये धूम्रपान की जो जहरीली हवा चल रही है देखो, आने वाली कोई जिंदगी जल रही है ये धूम्रपान की जो जहरीली हवा चल रही है देखो, आने वाली कोई जिंदगी जल रही है