Ritu Agrawal
Tragedy
पानी सकल
डूबते नर-नारी
दूर साहिल।
विषम स्थिति
बहते जानवर
डूबी गृहस्थी।
रोता आकाश
उजड़ती दुनिया
बुझा प्रकाश।
यशोदा का नंदल...
नमक
मेरा चाइनीज़...
जब प्यार होता...
आज की नारी
तेरा मेरा प्य...
किसका हक ?
दीवारों सी और...
स्त्री के आँस...
मेरे घर की तु...
नफ़रतों ने रोका रास्ता ऐसा प्यार की राहे जुदा सी है नफ़रतों ने रोका रास्ता ऐसा प्यार की राहे जुदा सी है
लोग ख़िलाफ़ यहां होते सब सच जब भी मैं तो बोला हूँ लोग ख़िलाफ़ यहां होते सब सच जब भी मैं तो बोला हूँ
बिटिया माँ से कल मुलाकात हुई लम्बी कहानियों सी बातें हुई । बिटिया माँ से कल मुलाकात हुई लम्बी कहानियों सी बातें हुई ।
शादी करके जीवनसाथी के साथ गृहस्थी बसाना है जिंदगी। शादी करके जीवनसाथी के साथ गृहस्थी बसाना है जिंदगी।
भूख से व्याकुल बच्चे ने हाथ फैलाया, मेम साहब के सामने रोते हुए गिड़गिड़ाया भूख से व्याकुल बच्चे ने हाथ फैलाया, मेम साहब के सामने रोते हुए गिड़गिड़ाया
शीशा तेरा भेस दिखाएगा सच क़ब्र चीर कर आएगा शीशा तेरा भेस दिखाएगा सच क़ब्र चीर कर आएगा
जाने कहाँ गये वो लोग जो कल तक साथ रहा करते थे संग हँसते रोते थे साथ जीने मरने की कसम जाने कहाँ गये वो लोग जो कल तक साथ रहा करते थे संग हँसते रोते थे साथ जीने मरन...
हुआ है क्या ये शहर को मेरे क्यों साँसे अब घुटने लगी क्यों मजबूर हर कोई हो गया। हुआ है क्या ये शहर को मेरे क्यों साँसे अब घुटने लगी क्यों मजबूर हर कोई ह...
डरपोक भी इतनी, कि छिपने की वजह तलाशती हैं। डरपोक भी इतनी, कि छिपने की वजह तलाशती हैं।
कैसे चले सांसो की डोरी छाती पे बैठे अनेक अघोरी, कैसे चले सांसो की डोरी छाती पे बैठे अनेक अघोरी,
तुमने अपने प्यार का इजहार तो किया होगा कुछ तो कहा होगा। तुमने अपने प्यार का इजहार तो किया होगा कुछ तो कहा होगा।
तपती गर्मी में पतंग उड़ाना कभी कटी पतंग का पीछा करना तपती गर्मी में पतंग उड़ाना कभी कटी पतंग का पीछा करना
पेशन्ट को बचाने का ढोंग है मृत्यु को हराने झूठी जंग है। पेशन्ट को बचाने का ढोंग है मृत्यु को हराने झूठी जंग है।
फर्क सिर्फ इतना है, तब छोटी थी आज ब्याह कर पराई कर दी गई बहू हूँ। फर्क सिर्फ इतना है, तब छोटी थी आज ब्याह कर पराई कर दी गई बहू हूँ।
ना जाने ये कैसी वेब आई है अपनों को अपनों से दूर कर रही है। ना जाने ये कैसी वेब आई है अपनों को अपनों से दूर कर रही है।
कहीं हाल बेहाल सूखे होंठ बिखरी जुल्फें उखड़ा चेहरा दुखड़ा बेहाल। कहीं हाल बेहाल सूखे होंठ बिखरी जुल्फें उखड़ा चेहरा दुखड़ा बेहाल।
ऐ खुदा यह है कैसी महामारी जिस में बने बैठे है सब बेकारी। ऐ खुदा यह है कैसी महामारी जिस में बने बैठे है सब बेकारी।
देखोगे चारों और जब मतलबी सब दिख जायेंगे देखोगे चारों और जब मतलबी सब दिख जायेंगे
महामारी के इस काल में, क्या-क्या नहीं है झेला । महामारी के इस काल में, क्या-क्या नहीं है झेला ।
टूट गया आज सारा भ्रम, जो तुझ पे बहुत अटूट था टूट गया आज सारा भ्रम, जो तुझ पे बहुत अटूट था