अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में कार्यरत, मूल उत्तर प्रदेश में विधाएँ: लघुकथा, गीत, कविता, हाइकु
बबुआ न! हमें न चाहिए मान सम्मान। बस तू नज़र के सामने रहे बबुआ न! हमें न चाहिए मान सम्मान। बस तू नज़र के सामने रहे
अचंभित राम को यह सामान्य नहीं लग रहा था अचंभित राम को यह सामान्य नहीं लग रहा था
जो उन्होंने बाबूजी के साथ मेले में स्कूटर पर बैठ कर खिचवाई थी। जो उन्होंने बाबूजी के साथ मेले में स्कूटर पर बैठ कर खिचवाई थी।
"सर ! फॉर हियर ऑर टू गो?" युग ने दुविधापूर्ण मुस्कान के साथ कहा "टू गो।" "सर ! फॉर हियर ऑर टू गो?" युग ने दुविधापूर्ण मुस्कान के साथ कहा "टू गो।"