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Deeksha Chaturvedi

Abstract Tragedy

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Deeksha Chaturvedi

Abstract Tragedy

कुछ सवाल जिंदगी से!

कुछ सवाल जिंदगी से!

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जिंदगी कुछ सवाल है तुमसे

क्या तुम जवाब दोगी?

या यूँ ही चलती रहोगी

और रूठी ही रहोगी

क्या परेशानी है?

क्या तकलीफ़ है?


तुम हमारी ख्वाहिशों को

मुक्कमल होने नहीं देती

कभी कोई ख़्वाहिश को

उन्हें अधूरा छोड़ जाती हो


मेरी हर साँस के साथ चलती तो हो

बस ख्वाहिशों को अपनाती नहीं हो

अगर तुम मेरी हो

तो ये इक्तेलाफ़ क्यों हैं?

अगर तुम मेरी नहीं हो

तो उम्र भर का ये साथ क्यों है?


जो कभी ख़्वाब मैं देखूँ

क्यों नींद से जगा देती हो?

हकीक़त को भी तो

भूलने नहीं देती

क्यों मेरा दम घोट जाती हो?

संग रहकर भी

क्यों ना साथ निभाती हो?

क्यों वक्त बेवक्त रूठ जाती हो?

जिंदगी तुम क्यों अलविदा

ना कह जाती हो?


अभी भी चुप हो

क्या गूंगी हो तुम?

या सवालों के जवाब नहीं हैं

मेरे साथ रहने वाली

क्या तुम्हें एतबार नहीं है?

हम तुम्हें छोड़ ना देंगे

उम्र भर का साथ है

साँस चलने तक

ऐ जिंदगी! हम तुम्हारे साथ हैं……


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