बहू या बेटी
बहू या बेटी
सच ये है कि बनने को
बहू बेटी भी बन जाए
लेकिन बात कहीं संस्कारों पर
आकर ना अटक जाए
आप तो उसे बेटी बना ले
कहीं ज़माना बहू बेटी में ना उलझ जाए
डोर तो प्रीत की ही है क्या फर्क़ है
उसे बहू कहा जाए या बेटी बनाया जाए
इसलिए वो सबसे पहले एक इंसान है
उसे इंसान ही रहने दिया जाए!
