आखिर क्यों
आखिर क्यों
आखिर क्यों ? सवालों का जवाब नहीं मिलता
तूफान में है कश्ती किनारा नहीं मिलता
दोस्ती में दुश्मनी दुश्मनी में दोस्त
कोई इंसान हमारा नहीं मिलता
रास्ते बहुत है मंजिल तक पहुंचाने के लिए
मगर हमको कोई कारवां नहीं मिलता
रात निकाल दी हमने सुबह का इंतजार में
जो तेरा पैगाम लाए वह सवेरा नहीं मिलता
हर शख्स परेशान है दुनिया की भीड़ में
बाजार में सब बिकता है सुकून नहीं मिलता
चिट्टियां रोज लिखती हूं तुझे भेजने को मैं
मगर कहीं भी तेरा पता नहीं मिलता
मेरा शहर डूब गया है दहशत में
लाशें बिखरी हुई हैं पर जनाजा नहीं मिलता।