और फिर पता चला
और फिर पता चला
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इन आँसुओं के बहकावे में न आना,
ये गम और खुशी दोनों में निकलते हैं।
कुछ लोगों के गम को देख कर,
खुद को आँसुओं में डुबोया हमनें।
और फिर पता चला कि वो तो,
आँखों को खुशी के आँसू से धो रहे थे।
इस इश्क के बहकावे में न आना,
इसमें अदा और खता भी शामिल हैं।
एक महबूब से एक रोज मिलकर,
खुद को इश्क में डुबोया हमनें।
और फिर पता चला कि वो तो,
ऐसे गैर को अपना बना बैठी हैं,
जो कभी उसका हो ही नहीं सकता।
चेहरे की हँसी पर ना जाना दोस्तों,
कुछ चेहरों के पीछे भी चेहरे होते हैं।
कुछ लोगों को देख कर सोचा हमनें कि
काश हम भी इतने ही खुश होते,
और फिर पता चला कि वो भी,
मुझे देख कर यहीं सोच रहें थे।