Sonam Kewat

Tragedy

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Sonam Kewat

Tragedy

आंसू

आंसू

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तुमसे मिलने से पहले बहते बहते,

जो रुक नहीं रहे थे आंखों से मेरे,

वो खुशी के आंसू थे।


घंटे, हफ्ते, और महीनों के इंतजार में,

जो तरसकर रह गए थें आंखों में मेरे,

वो इंतजार के आंसू थे।


आस लगाए बैठीं कि कोई चमत्कार होगा,

जो विरह की स्याही बन पन्नों पर लिखते रहें,

वो भी क्या कमाल के आंसू थे।


मैं बेचैन हुए जब उसको भी ना चैन मिला,

जो दोनों की आंखों से बहने लगे थें,

वो शायद गम के आंसू थे।


तुम मिलने आओगी क्या? जब पूछा उसने,

मैंने जवाब में कहा, तुम बुलाओगे क्या?

अंत में जो बचा रहा आंखों में उनके,

वो केवल प्यार के आंसू थे।


आंसू तो एक ही था,

बस जज्बात बदलता गया।

इंसान भी वही था,

बस किरदार बदलता गया।

एक ने आंसू पोंछते हुए, 

दूसरे के आंसू से पूछा? 

तुम जिंदगी भर साथ निभाओगे क्या?

जो हंसते-हंसते छलक पड़ा 

बस वही यादगार आंसू था।


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