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Sonam Kewat

Inspirational

4  

Sonam Kewat

Inspirational

रिश्तों की कीमत

रिश्तों की कीमत

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अकेले रहकर देखा है मैंने कि,

रिश्ते कितने खास होते हैं!

लोगों को उनकी कीमत का पता नहीं होता, 

जो उनके पास होते हैं


यूं ही नहीं लिखती कविताएं कलम से 

कुछ को आंसुओं से लिखा है 

वक्त ऐसा भी था जिंदगी में 

जहां लोगों से दूर रहकर जीना सीखा है 


एक रात खुली आंख जब 

सर से पैर तक मच्छरों ने घेरा था 

याद आया मां का आंचल 

जहां अंधेरों में भी सवेरा था 


एक रोज आया जब रक्षाबंधन 

थालियाँ राखियों से भरी पड़ी थी 

भाइयों को याद करते 

मैं आधी रात बिस्तर में रोती पड़ी थी 


हम बहने भी क्या खूब 

रात रात भर बातें करती थी 

कभी बोल खींचकर झगड़ा करती

तो कभी मां से मार खाकर 

दो-दो दिन बातें नहीं करती थी 


पिता का वह साया भी क्या खूब है 

जो बिन कहे सब कुछ समझ जाता है 

मेरी हर इच्छा पूरी हो जाते 

गर आंखों से आंसू बह जाता है 


एक-एक कर बनते हैं रिश्ते सारे 

सबको यूं ही खो दोगे क्या 

पूछना यह है कि, जिसे चाहो वो ना मिले,

तो तुम भी रो दोगे क्या?


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