अतीत की कुछ यादें
अतीत की कुछ यादें
अतीत की कुछ यादें
नासूर बन जेहन में रहते ..
न जीना चाहो फिर भी
कुछ जरिए दे जाते..
हिस्सों का तमाम मसर्रत
तब्दील मग़्मूम में कर देते..
वक़्त-बे-वक़्त हम अतीत
में गुमशुदा रहते..
हर हर्फ़ तहरीर के बहाव में
यादों का है ये बयां कर देते..!