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Akshat Shahi

Drama

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Akshat Shahi

Drama

असर

असर

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ललाट पर शिकन नहीं आती

मेरी दुआओं का असर दिखता है।


आँखों में मुस्कान नहीं आती

तेरे शौक का असर दिखता है।


अकेले चलोगे उम्र भर

तुम पर सियासी असर दिखता है।


कैसे भटक नहीं जाते

कुछ ज़माने का डर दिखता है।


चमक सोने की भाएगी

आँखों में इरादे जंग दिखता है।


बात महबूब सी कर दी

पहलू में छिपा खंज़र दिखता है।


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