STORYMIRROR

Akshat Shahi

Others

4  

Akshat Shahi

Others

गुबार

गुबार

1 min
416

एक नया गुबार बनाया गया है

जान का खतरा बताया गया है

दूर बैठे हम इंतजार करते रह गये

वो धुआं लपेटे फिर धुआं हो गये

अभी भी वहाँ गुबार का असर है

कुछ दूर देखने की कोशिशें है

किसकी जिन्दगी फंसी हैं गुबार में

किस डर से गुजर राहा था काफिला

सच गुबार का असर है यह सब

फिज़ा में एक महक हैं अनजान 

पर नजर किसी को नहीं आता

कोई नहीं पूछ रहा जरूरी सवाल

सवाल जो खुली हवा से पूछे जाते हैं 

इस बाग में कौन से फूल मुरझा गये

उनकी चिता पर कौन से पेड़ आ गये

गुबार और सवालों में यह फर्क होता है

छंट जाता है गुबार कुछ समय बाद

फिर नई आग लगानी पड़ती है

पर सवाल टस से मस नहीं होते

भाग नहीं जाते भीड़ से ड़र कर

इंतजार करते है धुएं के छंट जाने का

कल की अखबार ने बताया था 

आने वाली हैं बारिश कुछ रोज़ में 

उम्मीद है खुला आसमान नज़र आएगा

फिर पता लग जाएगा सब साफ साफ

कौन से सवाल इंतजार कर रहे थे पुल पर

कितनों की जान को खतरा था 

कितनों की जान बचा ली जा सकती थी।


Rate this content
Log in