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Rishabh Tomar

Drama

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Rishabh Tomar

Drama

अर्चना वंदना पूजा अरदास हो

अर्चना वंदना पूजा अरदास हो

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पास होना ही तेरा बहुत खास है

मैं कहूँ क्या प्रिये तू मेरी श्वास है


जिस्म ही रह गया ये मेरे संग है

रूह प्रियवर मेरी तो तेरे पास है


तुमसे मिलने की मन में मुरादें लिये

हर समय जान तेरा ही अहसास है


जब भी आती तसव्वुर में मेरे सनम

बढ़ती जाती ह्रदय में मिलन प्यास है


अब ऋषभ भाव कैसे गजल में लिखूँ

अर्चना, वंदना, पूजा, अरदास है।


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