STORYMIRROR

Rajit ram Ranjan

Tragedy

3  

Rajit ram Ranjan

Tragedy

अँखियों का हैं पानी बेज़ुबान

अँखियों का हैं पानी बेज़ुबान

1 min
183

वो समझ पाए ना

हमें समझ आये ना 

अँखियों का हैं पानी बेज़ुबान 

दर्द मेरा कह पाए ना !


वो अजनबी होकर

कुछ कह सा गया

दिल का दरिया

बह ही गया।


लाख संभाला मैंने इसको

रेत के जैसा फिसल ही गया 

इश्क़ मेरा उसे दिख पाए ना 

अँखियो का हैं पानी बेज़ुबान 

दर्द मेरा कह पाए ना !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy