अनकही बातें
अनकही बातें


मैं हारा हुआ हूँ, उनके नजरों में गिरा हुआ हूं।
मैं कौन हूं, मैं क्या हूं, मुझे हुआ क्या, मैं कैसे हूं।
मैं अधूरा हूं, लेकिन वो शक्श मुझमें पूरा है।
मैं हूं अगर दर्द तो वो मेरा दवा है।
मैं भटकता हुआ राहगीर हु, वो मंजिल पूरा है,
मैं हूँ अगर हृदय तो उनके बिन मेरा सांस अधूरा है।
मैं बरबाद हूं लेकिन उनके होने से आबाद हूँ,
मैं ढलती शाम हूं, वो उगता सवेरा है,
उनके होने से मिलती है सुकून मुझे,
उनके न होने से मै चाह कर भी अधूरा हूँ।
मैं हूँअगर दुवा तो वो मेरा खुदा है,
पर मेरे दर्द की कोई वजह नहीं,
मैं खुद से खफा हूं
मैं टूट चुका हूं कैसे बताऊं उसे,
जिंदगी उनके बिन अधूरी है कैसे समझाऊं उसे।
मेरी शब्दों में छिपी है उनकी हर अदा,
मैं चाहकर भी न बता पाऊं वो अल्फाज है,
उनके बिन जिंदगी वीरान है।
और उनके होने का राज एक सुकून दे जाए
वो एक खूबसूरत अहसास है।
हां जी यही मेरा प्यार है।।