श्री शुकदेव जी कहें, परीक्षित अम्बरीष मान्धाता के श्रेष्ठ पुत्र थे । श्री शुकदेव जी कहें, परीक्षित अम्बरीष मान्धाता के श्रेष्ठ पुत्र थे ।
और उनके होने का राज एक सुकून दे जाए वो एक खूबसूरत अहसास है। हां जी यही मेरा प्यार है और उनके होने का राज एक सुकून दे जाए वो एक खूबसूरत अहसास है। हां जी यही मे...
आज तो पंख दे दिए जाए आज तो पंख दे दिए जाए
कुछ बात कहने से पहले जान लो कि आप सही बोल रहे हो या गलत, कुछ बात कहने से पहले जान लो कि आप सही बोल रहे हो या गलत,
फटी जेब है चले है समुंदर पार करने फटी जेब है चले है अपना नाम करने फटी जेब है चले है समुंदर पार करने फटी जेब है चले है अपना नाम करने
क्योंकि सूप से प्यास बुझाने आ गई आज। क्योंकि सूप से प्यास बुझाने आ गई आज।