अकेलापन
अकेलापन
जिन्दगी
गहन अंधेरी रात का सफर,
सब चल रहे हैं,
यहाँ बेखबर।
तन्हाई का एहसास,
गुम हो जाने का खौफ,
मिट जाने की घबराहट,
अगले पल क्या होना है,
न किसी को कोई खबर,
न इसकी कोई आहट,
ऐसे में जब कोई,
आवाज देता है,
मोहब्बत से,
किसी रिश्ते से,
कम हो जाता है,
अकेलेपन का एहसास,
अंधेरे में कोई पुकार ले,
तो दिल को एक,
इत्मीनान सा आता है,
वरना -
अंधेरा और अकेलापन,
बहुत अखरता है।