कहो सियासत वाले
कहो सियासत वाले
कहो सियासत वाले
जूते घिसे हो या चाटे हो
ऐसे बावासीर हुई
या और कुछ भी बांटे हो।।
गुज़रा तेरे कस्बे से तो
सुना तुम्हारा नाम था
दिन को कम्बल खूब बंटे
कुछ रातो का भी काम था ।
बता जरा उद्घाटन के तुम
कितने फीते काटे हो
ऐसे बावासीर हुई
या और कुछ भी बांटे हो।।
जनता खुश थी काम से तेरे
नाम के तेरे नारे थे
जय जयकार वही थे जब तुम
पिछली बार भी हारे थे
कहो मंत्री राशन पानी
घर घर कितने बांटे हो
ऐसे बावासीर हुई
या और कुछ भी बांटे हो।।