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Poonam Atrey

Tragedy Others

4  

Poonam Atrey

Tragedy Others

प्रगति पथ

प्रगति पथ

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मेरी धड़कनों की  रूह , मेरी आँखों के  नूर थे तुम,

मेरे जीने की वजह तुम थे, दूर हो के भी कहाँ दूर थे तुम,

ग़म ठहर गया ज़िन्दगी  में, एक तुम्हारे जाने से,

अब बस अश्क हैं उन आँखों में, जिनमें ख़ुशियों के ठिकाने थे,

हर धड़कन से रात दिन यही सदा आती है, कि काश ! तुम होते,

हम भी मुस्कुराते इन सितारों की तरह , यूँ दिन रात न रोते,

चले आओ कि ज़िन्दगी की शाम ,अब ढली जा रही है,

लौ बुझने को है शाम-ए-ज़िन्दगी की, रूह दर्द में जली जा रही है,

क्यूँ तोड़  गए मुझसे  तुम , वो  नेह  का नाता,

कोई  किसी के जीवन  से , ऐसे  तो नहीं जाता ,

काश ! तुम होते , तो ज़िन्दगी , सितारों भरा आँचल होती,

काश ! तुम होते तो ज़िन्दगी , बोझिल नहीं जन्नत होती ।।



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