ख़ामोश
ख़ामोश
मैं खो गया हूं रातों में।
गहरी सी इन बातों में।
ये खाने को आती है मुझे,
फंस गया सौगातों में।
छोड़ दो अकेला मुझे ।
बस अब और नहीं मैं सह सकता।
क्या बीत रही है मूझपे।
किसी से नहीं मैं कह सकता।।
मुझे खो जाना है , कहीं डूब जाना है ।
मुझे दूर कहीं उड़ जाना है , सच कहूं तो मुझे अब मर जाना है।।
ये रातें अजीब है ।
ये बातें अजीब है ।
ये परेशानियां खत्म नहीं हो रही ।
मैं अच्छे से नहीं सुन पा रहा ।
मैं अच्छे से काम नहीं कर पा रहा ।
मेरा ध्यान कहीं और है।
मेरा नाम कहीं और है।
मैं ये कुछ समझ नहीं पा रहा ।
जिंदगी को जीना होगा ।
खुशियों से ये कहना होगा
तूं नहीं ढूंढ सकती तो मुझे ही तुझे ढूंढना होगा।
ख़ामोश मुझे अब रहना होगा ।
हां! चुप मुझे अब रहना होगा ।।
खुद से ही ये जंग है ।
हुई मेरी शांति भंग है।।
मुझे इसे बनाना होगा।
ख़ामोश मुझे अब रहना होगा।