STORYMIRROR

Sourabh Nema

Drama

2  

Sourabh Nema

Drama

अजीब दुनिया

अजीब दुनिया

1 min
14.3K


कोई हार के जीता है !

और कोई हरा के जीता है !


ये ऐसी दुनिया है यहाँ,

हर कोई किसी को मार के जीता है !


इंसानियत मरती है रोज़,

कोई बड़े ताव से खून पीता है !


बहुत सारे मुखौटे हैं लोगों के,

नहीं कोई राम है और न ही कोई सीता है !


अगर लोग समझे सब धर्म एक है,

तो जितनी बड़ी क़ुरान है तो उतनी ही बड़ी गीता है !


और जो अपना है वह समझता है सब,

ये रिश्तो का बंधन है, नहीं कोई फीता है !


जरूरी नहीं की सब तुमसे खुश रहे,

वरना लोगो का सारा वक़्त इसी में बीता है ! !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama