बेगुनाह
बेगुनाह
मेरे हिस्से का सच क्या बताया किसी ने,
क्या झूठ का पर्दा हटाया किसी ने।
कानून को समझना भी दीया तले अँधेरे जैसा है,
जो दिखाई न दिया क्या वहा आइना दिखाया किसी ने।
सब आस पास ही था बस समझने की बात है
जो किया वह न मैंने जताया, न ही बताया किसी ने।
खुदा न करे की मेरे ज़रुरत पड़े तुम सभी को
बस मेरा नाम ले ले न गर सताया किसी ने।
यार ये कानून अंधा है ये सब ने बताया
पर इसे अंधा बनाया किसने ये नहीं बताया किसी ने ?
