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क्या मच्छरों को गुडनाइट ने सच में घर से ऑल आउट कर दिया ? क्या मच्छरों को गुडनाइट ने सच में घर से ऑल आउट कर दिया ?
साफ़ होगा कब ये जहां अपना ? जब हो ये हम सबका सपना। साफ़ होगा कब ये जहां अपना ? जब हो ये हम सबका सपना।
कानून को समझना भी दीया तले अँधेरे जैसा है कानून को समझना भी दीया तले अँधेरे जैसा है
कुछ होना ना होना सब क़िस्मत का खेल है पता नहीं क़िस्मत बार बार क्यूँ मुझसे कुछ होना ना होना सब क़िस्मत का खेल है पता नहीं क़िस्मत बार बार क्यूँ मुझ...
अलग अलग मुखौटे बदलते है लोग यहाँ एक सा किसी का किरदार नहीं चलता अलग अलग मुखौटे बदलते है लोग यहाँ एक सा किसी का किरदार नहीं चलता
राजाओं के जैसा, कट गया बचपन, तब तो दिमाग में इतनी, महँगाई नहीं होती थी राजाओं के जैसा, कट गया बचपन, तब तो दिमाग में इतनी, महँगाई नहीं होती थी
वही रोज़ लोकल में धक्के मुक्के , और ख्वाहिश में विंडो का साथ वही रोज़ लोकल में धक्के मुक्के , और ख्वाहिश में विंडो का साथ
हर कोई फिरता है इतराता सा हर जगह इनके हिस्से में क्यों लगाम नहीं आयी ? हर कोई फिरता है इतराता सा हर जगह इनके हिस्से में क्यों लगाम नहीं आयी ?
स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को सादर नमन...! स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को सादर नमन...!
यह कविता गरीबी की सच्चाई दिखाती है। यह कविता गरीबी की सच्चाई दिखाती है।