इत्र और चरित्र,
दोनों महक़ते हुए ही अच्छे लगते है !
नाई और भलाई के सामने में अच्छे अच्छे सर झुका देते है!
रक्त और भक्त को दान करते रहना चाहिये!
शक और लक ऐसे हैं कि बस एक बार लग जाए बस!
रंक और शंक ज़ोर से आवाज़ करे तो ही काम के है !!
शौक़ और SHOCK
लगते देर नहीं लगती !!
आज कल इतनी बारिश में छाता और मोदी ने खुलवाये अकाउंट में खाता खोल के कोई फ़ायदा नहीं !!
ज़िंदगी और बैंक हमेशा हम से यही कहती रहती है
"इतना 'कर' दिया,बस इतना और 'कर' बाक़ी है
✍️सौरभ
लोगों के सवाल और जीवन में बवाल कभी ख़त्म नहीं होंगे