ऐसा साथ अपना होगा
ऐसा साथ अपना होगा
ऐसा साथ अपना होगा
जो चाहा सच सारा सपना होगा,
आँखों का प्यार रूह में उतरा होगा
हर तलब हर इंतजार खामोशी में दबी होगी
गले लगकर तुमसे मुद्दत बात सुकून मिली होगी
कितने ख्याल कितने एहसास होंगे
लिपट कर एक दूसरे से जब हम पास होंगे
आंसुओं का बरकरार सिलसिला होगा
बरसो बाद एक दूजे का साथ मिला होगा
कितने पल याद में गुजारे है
दर्द में भी तेरा नाम ले मुस्कुराये है
हर दिन बेचैनी सी होती थी
मिलने की तुझसे उम्मीद कहा पूरी होती थी
तेरे बिना सब कुछ सुना सा लगता था
सब था फिर भी अधूरा सा लगता था
ना चाहते हुए भी तेरे लिए रोना पड़ता था
बस एक बार भी मिलने के लिए कितना सोचा है
नहीं भूलेंगे किस किस ने बेवजह मिलने से रोका है
हर तकलीफ आज भी दिल पे लिखा है
नहीं भूलेंगे किस किस से बेमतलब गम मिला है