ऐसा देश हमारा
ऐसा देश हमारा
जहाँ रंग बिरंगे फूल खिले हैं,
ऐसा भारत देश है मेरा।
स्वर्ग से भी सुन्दर लगता है,
ये गुलिस्तान हमारा।
जहाँ ऋषि मुनि भी छपते रहते,
प्रभु नाम की माला।
जहाँ घर-घर गीता पाठ करें नित,
घर की हर इक बाला।
जहाँ देवों का है वास सदा,
नित घंटा बजे दिवाला।
घर -घर आरती गूंजती है,
जैसे देव बसे हर आला।
जहाँ मंदिर, मस्जिद, और गिरिजाघर,
जपे प्रभु नाम की माला।
ये देश हमारा, ये देश हमारा।
जहाँ पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण ,
हर ओर हवा मतवाली।
जहाँ चार दिशाएं, चारों ऋतुओं की,
करती हैं रखवाली।
हिम चट्टान खड़े प्रहरी बन ,
देश की रक्षा करते।
चाँदी सी किरनें फैली हैं,
कश्मीर तिलक भाल हमारा।
ये देश हमारा, ये देश हमारा,
जहाँ दक्षिण में सागर की लहरे।
राग-रागिनी गाती ,
उत्तराखंड में गंगा-जमुना,
पावन तीर्थ कहलाती।
कावेरी और कृष्णा की ,
बहती है अविरल धारा।
भारत माँ के चरण पखारे ,
शीतल जल की धारा।
अपना तिरंगा तीन रंगों का,
बना अजब निराला।
शांति ,एकता, हरियाली का ,
करता सदा इशारा।
सैनिक अपने देश की सुरक्षा में,
करते जीवन न्योछावर।
हिल मिल कर रहते सब,
हिन्दू सिख ईसाई।
माँ भारती के चरणों में,
अपनी जान गँवाई।
ये देश हमारा, ऐसा देश हमारा है।
