ऐ खुदा तू ही जाने।
ऐ खुदा तू ही जाने।
नजर-नजर की बस यही तो कहानी है।
अमीर का मोती और गरीब का पानी है।।1।।
ऐ खुदा तू ही जाने कैसी तेरी ये खुदाई।
गरीब की दासी और अमीर की रानी है।।2।।
बिक जाती है तकदीरें कुछ ही पैसों में।
इतनी सस्ती देखो गरीबों की जवानी है।।3।।
ना बनो झूठे रहनुमा तुम हम गरीबों के।
दहशतगर्दी ही बस तुम्हारी निशानी है।।4।।
कहते हैं लोग उसको मौत का सौदागर।
फिर क्यों दुनिया उसकी इतनी दीवानी है।।5।।
हमने तो छोड़ दी थी आस अपने जीने की।
पर अभी जिंदा है सब तेरी ही मेहरबानी है।।6।।
अल्फाजों से खेलना छोड़ दो ऐ हुक्मरानों।
जुमलों की यह सियासत तो अब पुरानी है।।7।।
