ख़ुशियों के लिए देश का द्वार खोलते हैं ख़ुशियों के लिए देश का द्वार खोलते हैं
और ज़हर का स्वाद शिव से पूछो, मीरा से पूछोगे तो अमृत ही बताएगी और ज़हर का स्वाद शिव से पूछो, मीरा से पूछोगे तो अमृत ही बताएगी
थके-हारे थे नींद तो आनी ही थी, हम तो मेहनत करके सोए थे, थके-हारे थे नींद तो आनी ही थी, हम तो मेहनत करके सोए थे,
गरीबों की लड़ाई लड़ते-लड़ते कब अमीर ये बन जाते हैं, गरीबों की लड़ाई लड़ते-लड़ते कब अमीर ये बन जाते हैं,
बिक जाती है तकदीरें कुछ ही पैसों में। इतनी सस्ती देखो गरीबों की जवानी है बिक जाती है तकदीरें कुछ ही पैसों में। इतनी सस्ती देखो गरीबों की जवानी है
मुलाज़िम है सरकार के जब तक पूछ होती है हर कहीं मुलाज़िम है सरकार के जब तक पूछ होती है हर कहीं