18.01.2021 सूरत दर्दनाक हादसे
18.01.2021 सूरत दर्दनाक हादसे
गाँव के मजदूर गए थे सूरत,
घर-परिवार की सुधारने सूरत,
पानी की कमी थी तो
पलायन किया था,
ऐ ! शहर सूरत तेरी तरफ
रुख किया था,
क्योंकि .........?
तेरे पास रोजी थी-तेरे पास रोजगार था,
अपने और अपनों के पेट के निवाले के लिए,
तेरे शहर की तरफ
परिवार के परिवार चल लिए,
दिन भर की मेहनत करके
फुट-पात पर सोए थे,
थके-हारे थे नींद तो आनी ही थी,
हम तो मेहनत करके सोए थे,
पर.......!
हमको नहीं पता था कि,
तुम्हारा यहाँ का सिस्टम भी सोया था,
ना किसी से दुश्मनी ना किसी से मत-भेद,
हम तो मेहनत से रखते थे रिश्ता सदा,
तारिक 18.01.2021 की रात
हमारे लिए बन गईं मौत का ग्रास,
हम तो गए थे
सहपरिवार कमाने मुँह के ग्रास,
अब न हम रहे-ना रहा हमारा परिवार,
और .......
जो बच गए
बूढ़े-बच्चे घर पर उनका
न रोजगार न ही कोई पालनहार,
वाह रे सूरत शहर क्या खूबसूरत हो,
पर .....
गरीबों के परिवार की सूरत बिगाड़ दी !!